॥श्री साईं बाबा जी के ग्यारह वचन॥
जो शिरडी में आएगा| आपद दूर भगाएगा|
प्रीत के पकवान बनाये,और भाव भरे भोजन मैंने अपने हाथों से,
कहो तो मंगाऊँ ताजा बर्फी,पेड़ा पकवान रे मेरा प्रेम भरा थाल!
गंगा,यमुना के नीर लाऊं,प्रेम से पान कराऊँ,
भोग लगाओ साईं बाबा रे मेरा प्रेम भरा थाल!
लौंग,सुपारी भरे पान के बीड़े,मुखावास करो साईं बाबा रे मेरा प्रेम भरा थाल!
भक्तों के प्यारे साईं तेरी है जय-जयकार,भोग लगाओ साईं बाबा रे मेरा प्रेम भरा थाल!